Friday 4 March 2016

जय गंगाजल (रिव्यू) : कहानी फीकी लेकिन प्रियंका चोपड़ा की एक्टिंग दमदार

सामाजिक फिल्में बनाने वाले फिल्म निर्माता प्रकाश झा की फिल्म ‘जय गंगाजल’ शुक्रवार को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई। अपनी पिछली फिल्म 'बाजीराव मस्तानी' में ऐतिहासिक किरदार निभाने वाली अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा इस फिल्म में पुलिस अधिकारी की भूमिका में हैं। निर्देशक प्रकाश झा ने इस फिल्म के जरिए अभिनय के क्षेत्र में पदार्पण किया है। यह फिल्म 2003 में आई फिल्म ‘गंगाजल’ की सीक्वल है लेकिन इसका प्लॉट अलग है।
नई दिल्ली : सामाजिक फिल्में बनाने वाले फिल्म निर्माता प्रकाश झा की फिल्म ‘जय गंगाजल’ शुक्रवार को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई। अपनी पिछली फिल्म 'बाजीराव मस्तानी' में ऐतिहासिक किरदार निभाने वाली अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा इस फिल्म में पुलिस अधिकारी की भूमिका में हैं। निर्देशक प्रकाश झा ने इस फिल्म के जरिए अभिनय के क्षेत्र में पदार्पण किया है। यह फिल्म 2003 में आई फिल्म ‘गंगाजल’ की सीक्वल है लेकिन इसका प्लॉट अलग है।
फिल्म की कहानी कुछ इस तरह है। बिहार के बांकेपुर जिला में बब्लू पांडे (मानव कौल) का राज चलता है। बब्लू पांडे का भाई डब्लू पांडे (निनाद कामत) अपने भाई के दम पर दादागिरी करता है और लोगों पर अत्याचार करता है। एक बिजली प्रोजेक्ट के लिए वो जबरदस्ती गांव वालों की जमीन हड़प रहा है जिससे परेशान होकर कई गांव वाले फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेते हैं। बब्लू और डब्लू पांडे के साथ पुलिस भी मिली हुई है। क्योंकि उन्हें उसके लिए मुंहमांगी कीमत मिलती है। 
उस जिला का एसपी आभा माथुर (प्रियंका चोपड़ा) को बनाकर भेजा जाता है जो लॉ एंड ऑर्डर से बब्लू पांडे का अत्याचार खत्म करना चाहती हैं लेकिन वो नाकामयाब होती पाती है क्योंकि पूरी पुलिस फोर्स अध्यक्ष की गुलामी करती है और खास करके डीएसपी बीएन सिंह (प्रकाश झा)। जो बब्लू पांडे के खास हैं और अपनी वर्दी का गलत इस्तेमाल करके उनका बचाव करते हैं। 
आभा माथुर बीएन सिंह के बारे में अच्छे से जानती है और एक बार गुस्से में आकर उसे वर्दी को लेकर सुना देती है जिसके बाद बीएन सिंह बदल जाते हैं। फिल्म में आगे ऐसा कुछ भी होता है जिसके बाद बीएन सिंह बब्लू और डब्लू पांडे के खिलाफ हो जाते हैं और दोनों को सबक सिखाने की ठान लेते हैं।
फिल्म ‘जय गंगाजल’ का कहानी उनकी बाकी फिल्मों से ज्यादा अलग नहीं है लेकिन फिर भी फिल्म अच्छी बनी है। फिल्म की लीड एक्ट्रेस भले ही हम अब तक प्रियंका चोपड़ा को समझ रहे थे लेकिन फिल्म के असली हीरो तो प्रकाश झा हैं। प्रकाश झा की एक्टिंग इंटरनेशनल स्टार प्रियंका चोपड़ा पर भी भारी पड़ गयी है। एक भ्रष्ट पुलिस ऑफिसर से लेकर एक सच्चे पुलिस ऑफिसर के रोल में प्रकाश झा खूब जचें हैं। उन्हें देखकर लगता ही नहीं की एक्टिंग में ये उनकी डेब्यू फिल्म है। उनकी बेहतरीन एक्टिंग से लोग यकीनन उनके फैन बन जायेंगे। 
प्रियंका भले ही फिल्म की लीड एक्ट्रेस हों लेकिन फिल्म में वो ज्यादा नजर नहीं आई हैं। जिस तरह से एक लीड एक्टर की फिल्म में भूमिका होती है वैसे प्रियंका के केस में बिल्कुल भी नहीं है। यकीनन जितने भी दृश्य उन्होंने किये हैं उसमें वो दमदार एक्टिंग की है लेकिन उनके प्रशंसक उन्हें इससे ज्यादा देखना चाहते हैं और ज्यादा उमीद्द भी रखते हैं।
फिल्म का म्यूजिक अच्छा है जो बैकग्राउंड में चलते रहता है और फिल्म की कहानी से सूट होता है।
कुल मिलाकर प्रियंका चोपड़ा के प्रशंसक और प्रकाश झा मार्का की फिल्में देखने वाले लोग इस फिल्म को एक बार देख सकते हैं।